जनता के मिजाज को भांप नहीं पाया विपक्ष केरल में प्रधानमंत्री बोले,
08 Jun 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के त्रिशूर जिले के गुरुवयूर में स्थित श्रीकृष्ण मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने कमल के फूलों से तुलादान किया। वह यहां पारंपरिक वेश-भूषा मुंडू में पहने हुए नजर आए। इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। लोकसभा चुनाव नतीजे को लेकर उन्होंने कहा कि राजनीतिक पंडित जनता का मूड नहीं समझ पाए और देश ने नकारात्मकता को नकार दिया। उन्होंने केरल सरकार से राज्य में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए कहा ताकि गरीब लोगों को बीमारियों से लड़ने में मदद मिल सके। क्या-क्या कहा पीएम भगवान कृष्ण के जीवन के साथ पशु-प्रेम जुड़ा रहा है। हम देश के किसी भी कोने में जाएं,भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारत सरकार ने इस बार मछुवारों के लिए अलग मंत्रालय बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का बीड़ा उठाया है।
- नकारात्मकता को देश ने नकारा। विश्व का भारत के प्रति नजरिया बदला।
- निपाह वायरस से निपटने को तैयार हैं। वायरल को लेकर केंद्र सरकार सतर्क है।
- भारत की सांस्कृतिक विरासत के महात्म्य को बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रसाद योजना के तहत केरल के 7 प्रोजेक्ट लिए गए हैं।
- पिछले पांच सालों में भाजपा सरकार ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनेक पहल की है, जिसका परिणाम अब सामने आ रहा है।
- हमने केरल में पर्यटन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई पहल की हैं। मैं केरल सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह यहां आयुष्मान भारत योजना को लागू करे। जिसका फायदा गरीबों को बीमारियों से लड़ने में मिल सके।
- जनता का मूड कोई नहीं समझ पाया। हम देश बनाने के लिए राजनीति में आए हैं।
- हमें जनता पांच साल के लिए जनप्रतिनिधि बनाती हैं। लेकिन हम जनसेवक हैं, जो आजीवन होते हैं और जनता के लिए समर्पित होते हैं।
- हम भाजपा कार्यकर्ता सिर्फ चुनावी राजनीति के लिए चुनाव मैदान में नहीं होते। हम 365 दिन अपने राजनीतिक चिंतन के आधार पर जन सेवा में जुटे रहते हैं। हम राजनीति में सिर्फ सरकार बनाने नहीं आए हैं। हम राजनीति में देश बनाने आए हैं। जितना वाराणसी मेरा है उतना ही केरल भी मेरा है।
- कई राजनीतिक पंडितों के मन में विचार आ रहा होगा कि केरल में भाजपा का खाता भी नहीं खुला, लेकिन मोदी वहां धन्यवाद करने पहुंच गया। लेकिन हम इस मत को मानने वाले हैं कि चुनाव जीतने के बाद हमारी जिम्मेदारी देश के सभी 130 करोड़ नागरिकों की है। जो हमें जिताते हैं, वो भी हमारे है। जो इस बार हमें जिताने में चूक गए हैं, वो भी हमारे हैं।
- जनसेवक जनता की सेवा के लिए समर्पित है।
- जनता-जर्नादन ईश्वर का रूप है, ये इस चुनाव में देश ने भलि-भांति देखा है। राजनीतिक दल जनता के मिजाज के नहीं पहचान पाए। लेकिन जनता ने भाजपा और एनडीए के पक्ष में प्रचंड जनादेश दिया। मैं सिर झुकाकर जनता को नमन करता हूं।



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